दिल्ली व्यूरो
नई दिल्ली :गुजरात के वड़गाम से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने असम में जेल से रिहा होने के दो दिन बाद सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले मुझे “खत्म और बदनाम” करने के लिए मेरे खिलाफ मामले दर्ज किये गये। यह एक “पूर्व नियोजित साजिश” का हिस्सा था।
नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से मेवानी ने कहा, ‘पीएमओ में बैठे कुछ गोडसे भक्तों ने मेरे खिलाफ एक ट्वीट के चलते दो एफआईआर करा दी। जबकि देश में इससे भी गंभीर मामले हैं। इससे उनकी मंशा का पता चलता है।’ मेवानी ने कहा कि इस तरह के दबावों के आगे वो नहीं झुकेंगे क्योंकि वह फूल नहीं फायर हैं।
उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि सरकार ने उनके और उनकी टीम के सदस्यों के पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन और लैपटॉप सहित उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कुछ लगा यंत्र लगा सकती है।
मेवानी ने सवाल किया कि धर्म संसद में नरसंहार को लेकर दिये गये बयान, मुंद्रा एयरपोर्ट में 1,75,000 करोड़ रुपये की ड्रग बरामद होने के अलावा कई घटनाओं पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है। लेकिन मेरे खिलाफ दर्ज मामले में असम की पुलिस 2,500 किलोमीटर का सफर तय करके एक रात में ही गुजरात पहुंच गई।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- लोगों को है कोरोना टीका लेने से मना करने का हक, सरकार के पास सबूत नहीं कि बिना वैक्सीन वाले कोविड फैलाने के लिए ज्यादा जिम्मेदार उन्होंने कहा कि असम पुलिस जिस तेजी से मुझे गिरफ्तार करने पहुंची, उससे साफ पता चलता है कि मेरे खिलाफ पहले ही साजिश रची गई थी।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के एक मामले में 21 अप्रैल की देर रात असम पुलिस ने गुजरात में पालनपुर सर्किट हाउस से जिग्नेश मेवानी को गिरफ्तार किया था। गुजरात से उन्हें गिरफ्तार करके असम में कोकराझार ले जाया गया था। जहां 25 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया था।
इस दौरान उन्हें जमानत मिल गई थी लेकिन उन्हें महिला पुलिसकर्मी से अभद्र व्यवहार करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं अब जमानत मिलने के बाद उन्होंने भाजपा पर हमला बोला है।